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मानदेय वृद्धि की प्रमुख मांग पर विद्यालय रसोईयों का राज्यस्तरीय प्रदर्शन 21 को

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दलित,पिछड़ा वर्ग से आने वाली गरीब महिला रसोईया सालों से 1650 रु मासिक पर खटने को मजबूर- सरोज चौबे

रसोईयों का मानदेय वृद्धि वादा मुख्यमंत्री पूरा करें -सरोज चौबे.

पटना, 19 फरवरी 2024

बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) महासचिव सरोज चौबे ने बयान जारी कर कहा है कि राज्य कि सवा दो लाख से ज्यादा विद्यालय रसोइया जो दलित,पिछड़ा व अत्यंत गरीब वर्ग से आने वाली महिला विद्यालय रसोईया सालों से मासिक 1650 रु पर खटने को मजबूर है, उन्होंने कहा कि 10 वर्ष के शासन में मोदी सरकार ने रसोईयों के मानदेय में एक रुपया की भी वृद्धि नहीं किया वहीं बिहार सरकार द्वारा साल 2019 में 250 रु की मामूली वृद्धि किया गया ,इस वृद्धि के बाद राज्य की लाखों रसोइया पिछले 5 वर्षों से मात्र 1650 रु मासिक मानदेय पर खटने को मजबूर है।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रसोईयों के मानदेय राशि मे सम्मानजनक वृद्धि राज्य निधी से करने तथा साल के 10 माह के बजाए 12 माह मानदेय देने की मांग किया।उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से महागठबन्धन सरकार में रसोईयों के मानदेय वृद्धि करने के दिए गए आश्वासन को पूरा करने की मांग किया है।

उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर 2023 को रसोइयों ने बिहार के मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन कर अपनी मांग को उठाया था । मांग पूरी नहीं होने पर 30 नवंबर 2023 से बिहार की रसोइया अपने 13 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।हड़ताल की पूरी तैयारी पूरी हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री और
एमडीएम निदेशक के आश्वासन और मुख्यमंत्री के मानदेय बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति पर हड़ताल को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया। इस बीच आंगनबाड़ी कर्मियों के मानदेय में वृद्धि हुई,परंतु 2 महीने गुजर गए और सरकार भी बदल गया परन्तु अबतक रसोइयों को लेकर कोई सकारात्मक कदम मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की ओर से नहीं उठाया गया है।

विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि राज्य की 2.30 लाख विद्यालय रसोईयों में व्यापक आक्रोश है , चरम महंगाई के दौर में 1650 रु के मामूली मानदेय पर रसोईयों को खटाना एक अपराध है। उन्होंने कहा कि उक्त परिस्थितियों के मद्देनजर आगामी 21 फरवरी 2024 को विधानसभा के समक्ष विद्यालय रसोइया राज्य स्तरीय प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री से रसोईयों के मानदेय वृद्धि सहित अन्य लंबित मांगों को पूरा करने की मांग मुख्यमंत्री से किया जाएगा। नाम मांग पूरी नहीं होने पर आगे तीखा आंदोलन को तेज किया जाएगा।

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