पटना में 17 डीजल बसों का चालान काटा गया

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पटना में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल बसों को बंद कर देने का फैसला 2019 में ही लिया गया था। इसके बाद भी पटना की सड़कों पर डीजल बसें न बंद हुई और न ही सीएनजी में कन्वर्ट नही कराया।बस मालिकों इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया । इसके तहत 31 सितंबर की मध्यरात्रि से अंतिम बार बसों को बंद करने का आदेश दिया गया।इसके बाद भी डीजल बसो मालिक और ड्राइवर फिर अनसुनी कर दिया इसी कड़ी में पटना में 17 बसों का चालान काटा गया है।डीजल की अपेक्षा सीएनजी के जलने से बहुत ही कम कार्बन मोनोऑक्साइड निकलता है| खर्च की बात करें तो सीएनजी से डीजल थोड़ी महंगी है। प्रदूषण के हिसाब से देखें तो कम करने में अहम भागीदारी निभाएगा।एक लीटर डीजल में बस 5 किलोमीटर का सफर तय करती है। जबकि एक किलो सीएनजी से बस 8 किमी चलेगी|
सिटी बस प्रोत्साहन,बिहार स्वच्छ ईंधन योजना
परिवहन बिभाग ने यह जानकारी भी दी थी कि बिहार स्वच्छ ईंधन योजना के तहत पटना शहरी क्षेत्र में चलने वाले पुराने डीजल बस को नए सीएनजी बस से बदलने पर अनुदान दिया जायेगा। । इस अनुदान के तहत 30% या अधिकतम 7.50 लाख का अनुदान मिलेगा।

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