सत्ता बदलते ही माले के युवा विधायक मनोज मंजिल पर सत्ता पक्ष का दूसरा बड़ा हमला

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कल माले के राज्यव्यापी आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान।
दमन व जेल के जरिए दलित-गरीबों व सामाजिक न्याय की आवाज दबाई नहीं जा सकती
पटना | खेग्रामस राष्ट्रीय महासचिव का. धीरेंद्र झा, ऐक्टू राज्य महसचिव कॉ. आरएन ठाकुर, राज्य सचिव रणविजय कुमार, खेग्रामस बिहार राज्य सचिव शत्रुध्न साहनी, मनरेगा मजदूर सभा नेता दिलीप सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर आरा व्यवहार न्यायालय द्वारा आज अगिआंव से माले विधायक का. मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है. नेताओं ने कहा कि बिहार में सरकार बदलते ही गरीबो और उसके मुखर आवाज को दबाने की शुरुआत हो गयी है। सरकार बदलने के बाद यह बिहार और सामाजिक न्याय के तबकों के खिलाफ भाजपा नीत नीतीश नेतृत्व वाले एनडीए सरकार का दूसरा बड़ा हमला है।
नेताओं ने कहा कि मनोज मंजिल जो “”सड़क पर स्कूल” आंदोलन के चर्चित नेता व दलित- गरीबों के “वास-आवास” आंदोलन और “कोरोना काल में जन सेवा” की मिसाल कायम करने वाले माले के युवा विधायक है इन्हें भाजपाई साजिश का शिकार बनाया गया है। भाजपाई जब सीधे तौर से नही निबट सकते तो इस तरह छल प्रपंच कर गरीबो दलितों ,सामाजिक न्याय आंदोलन के अगुआ नेता की आवाज को कुचलने में लगी है।
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सामूहिक जनसंहारकर्ता सभी रिहा हो गए। कोर्ट तक ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया। वहीं टाडा कानून रद्द होने के बाद भी बुजुर्ग व चर्चित माले नेता साह चांद सहित दर्जनों नेता टाडा में सजायाफ्ता हो गए और साह चांद सहित अनेकों की मौत जेल में हो गयी। नेताओं ने कहा कि दमन व जेल के जरिए दलित-गरीबों व सामाजिक न्याय की आवाज दबाई नहीं जा सकती।
नेताओं ने कल 14 फरवरी को माले द्वारा होने वाले राज्यव्यापी विरोध आंदोलन को बिहार के न्यायप्रिय लोगों से सफल बनाने की अपील किया है।

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