मौजूदा तापमान गेहूं के फसल के लिए अनुकूल नहीं, ठंड नहीं पड़ने से गेहूं की फसल हो सकती है खराब

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करके के ठंडी नहीं पड़ने पर दिसंबर का महीना
ठंड नहीं हैं जिस कारण रवि के साथ गेहूं की फसल खराब होने के कगार पर
शिवहर—- जिले में दिसंबर महीना कराके करने की ठंडी नहीं पड़ने के कारण रवि फसल का बहुत बुरा हाल है। जबकि दिसंबर महीने में ठिठुरन वाली सर्दी के लिए जाना जाता है। पर दिसंबर महीने में ठंड नहीं होने के कारण किसानों को धरती से सोना उगाने में मौसम बाधा उत्पन्न कर रही है।
गेहूं का फसल रवि फसल ठंड बढ़ने से ही फसल अच्छी उपज होती है। हालांकि 22 डिग्री सेल्सियस अगर तापमान हो तब मौसम गेहूं की बुवाई के लिए प्रयुक्त होता है ,यह तापमान 25 अक्टूबर से 25 नवंबर तक उपयुक्त रहता है तथा पछेती किस्म की बुवाई 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक होती है।
120 से 130 दिन में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो जाता है, गेहूं के पूरे फसल चक्र के दौरान चार बार से 6 बार सिंचाई की जरूरत होती है। गेहूं की फसल के जीवन में 35 से 40 सेंटीमीटर पानी की जरूरत होती है।
दिसंबर महीना में कडा़के की ठंड होनी चाहिए ,लेकिन कडा़के की ठंड नहीं होने के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान हो रहा है ।क्योंकि गेहूं की फसल को ठंड वातावरण की जरूरत होती है ।ऐसे में हालिया मौसम की गर्मी को देखते हुए अंशाका है कि गेहूं की उत्पादन पर असर पड़ सकता है। गेहूं जैसी फसल के लिए अनुकूल तापमान मौजूदा समय में नहीं देखा जा रहा।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान कृषि समन्वयक डॉ संजय कुमार राय ने बताया है कि पिछले साल भी किसानों को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था ।समय के साथ अगर तापमान नहीं है तो गेहूं के मिल्किंग स्टेज में दिक्कत आ सकती है । हालांकि दिसंबर महीने में बरसात हो ही जाती थी लेकिन इस बार हुआ नहीं। इस समय बरसात होना गेहूं के फसल के लिए वरदान साबित होता है। जरूरत है किसान मौसम के हालात को देखकर सिंचाई करने की। तथा अभी से ही मौसम को देखते हुए किसानों को सावधान रहने की जरूरत है।
गजेंद्र कुमार सिंह जिला संवाददाता शिवहर

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