हिंदू मुसलमान की लड़ाई देश को बहुत पीछा कर दिया

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गजेंद्र कुमार सिंह जिला संवाददाता
-जातीयता विस्फोट बिहार में सबसे ज्यादा पड़ा क्योंकि जनता पार्टी की सरकार देश बनी
-देश में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद बिहार में भी जनता पार्टी की सरकार बनी -जननायक जानने वाले कर्पूरी ठाकुर बिहार में फूट डालो राज करो की राजनीति की खेल खेला गया
-कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री के कोई सवर्ण नेता इसका विरोध नहीं किया
-अंग्रेज का नीति था फूट डालो राज करो उन्होंने अंग्रेज सिर्फ हिंदू मुसलमान को बांट दिया
-जनता पार्टी के मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर अंग्रेज से भी बड़ा खिलाड़ी निकले
-क्योंकि हिंदू के दो भाग में बांट दिया बैकवर्ड, फॉरवर्ड और हरिजन
शिवहर—- जिले में इन दोनों जातीय जनगणना को लेकर खूब अटकलें चल रही है ।जातीय जनगणना को लेकर जातीय जनगणना को परसेंटेज को हर आदमी गलत बता रहा है कुछ सही बता रहा है कुछ लोगों को कहना है कि इसकी गणना की जांच सीबीआई से हो।
इस जातीय जनगणना में यादव का सबसे अधिक परसेंटेज दिखाया गया है। ब्राह्मण राजपूत का बहुत कम परसेंटेज दिखाया गया है
– इससे पहले राजपूत की जनसंख्या 5% ब्राह्मण की जनसंख्या 5% का आकरा था।
-आठ प्रतिशत यादव का था ब्राह्मण और राजपूत और ब्राह्मण की जनसंख्या घट गई
जनगणना किसी राजनेता के इशारे पर हुआ है उनके इशारे जातीय जनगणना टेबल पर बैठकर जनगणना किया गया है। लोजपा के जिला अध्यक्ष बताते हैं की बिहार का बहुत आदमी दूसरे राज्य में काम करते हैं ,उसका जनगणना कैसे हुआ उसका डाटा कहां से उपलब्ध हुआ। बिहार में अंग्रेज की तरह लालू यादव और नीतीश कुमार जाति का बढ़ावा देकर कितने भाग में हिंदू को बांट दिया यह पता नहीं। कर्पूरी ठाकुर दो ही जात में बांट दिए थे लेकिन नीतीश कुमार इसके कितने टुकड़े कर दिए सिर्फ वोट के राजनीति के लिए। उन्होंने बैकवर्ड में भी अति पिछड़ा हरिजन में भी महादलित कर हिंदू को बहुत कमजोर करने का काम नीतीश कुमार ने किया अपनी राजनीतिक को उल्लू सीधा करने के लिए पार्ट -पार्ट में बांट दिया गया। आज बिहार में बच्चे स्कूल जाते है। पढ़ाई के दौरान एक जैसा ड्रेस एक साथ डेक्स बेंच पर बैठकर पढ़ाई करते हैं ।स्कूल में कोई जातीयता चर्चा नहीं होता है । लेकिन वर्ग 10 तक के बच्चे कोजातीयता की जानकारी नहीं होती लेकिन वही विद्यार्थी जब उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं तो जातीयता प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है । बिहार सरकार उसको कितने भाग में बांट दिया। वोट के राजनीतिक में मुसलमान में जातीय बटवारा नहीं हुआ लेकिन हिंदू में इतनी जातीय बंटवारा भरकर सरकार द्वेष पैदा कर दिए जो अगल-बगल में भी जातियों के नाम पर दोष है। और जातीयता जनगणना कराकर सरकार क्या साबित करना चाहता है समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों मिलकर 35 बरस बिहार के सरकार में रहे फिर भी दलित ,महादलित अति पिछड़ा, पिछड़ा को विकास नहीं हुआ। नीतीश कुमार तो आरक्षण के रूप लेकर जातीयता बंटवारा कर दिया लेकिन इस जातीय बटवारा से दलित महा दलित अति पिछड़ा और पिछड़ा में गरीब लोग को विकास नहीं हुआ इसमें जो अमीर थे थे उसी को फायदा मिला। जातीय जनगणना एक सोची समझी सजीश है हिंदू समाज को कमजोर करने के लिए और सनातन को समाप्त करने के लिए अंग्रेज से भी खतरनाक नीति है जातीय जनगणना कराकर फूट डालो राज करो।

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