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समस्तीपुर स्कूल के सामने हैं पोखर, कभी भी पढ़ने वाले बच्चे हादसे का हो सकते हैं शिकार

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राजेश कुमार

समस्तीपुर।खानपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मधुबन के शिक्षक दहशत के माहौल में बच्चो को पढ़ाने को बाध्य हैं। दरअसल मामला विद्यालय में चहार दीवारी नही होने को लेकर हैं। बतादें की इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1958 ई में हुई थी। उत्क्रमित मध्य विद्यालय मधुबन के बिल्कुल सामने बहुत बड़ा पोखर हैं जिसके भिंडे पर चार चापाकल है। इसी चापाकल पर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र – छात्राएं पानी पीते हैं। कब किस समय बच्चे का पैर फिसल जाये और पोखर में गिर जाये कहना मुश्किल है। इससे पूर्व में भी कई घटनाएं घटित हो चुकी है। बताया जाता है कि 2007 ई से मो0 मुस्लिम जो उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। वे चहार दिवारी निर्माण को लेकर संबंधित विभाग को कई दफा अवगत कराया तथा इसकी बरिय पदाधिकारी से शिकायत भी की परंतु विभाग ने इस और कोई ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। ऐसा माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग कोई बड़ी दुर्घटना होने के प्रतिक्षा में है। जब कोई बड़ी दुर्घटना होगी तभी संबंधित विभाग की आंख खुलेगी। इधर पूछे जाने पर प्रधान अध्यापक मो0 मुस्लिम ने बताया की बिहार सरकार के द्वारा उक्त विद्यालय को +2 कर दिया। परंतु वर्ग 09 से 12 वीं वर्ग तक पढ़ाने वाले एक भी शिक्षक नही है पूर्व में दो शिक्षक भी थे मगर वे लोग डिप्टेशन में चले गये हैं। इतना ही नहीं एक से पांच वर्ग तक में बेंच और डेस्क नही रहने के कारण बच्चे फर्स पर बैठकर पढ़ाई करने पर मजबूर हैं। प्रधानाध्यापक ने बताया की उक्त विद्यालय में कुल 08 टीचर हैं जिसमें 06 पुरुष एवं 02 महिला शिक्षिका हैं। उन्होंने यह भी बताया की स्कूल में कार्यालय सहित मात्र 08 रूम है, रूम की कमी रहने के सबब छात्र – छात्राओं को पठन पाठन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अब देखना हैं की शिक्षा विभाग इन सब समस्याओं को लेकर कबतक समाधान करने में कामयाब होती हैं।

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