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विहंगम योग के संकल्प यात्रा कश्मीर से कन्याकुमारी तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा पहुँची शिवहर

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गजेंद्र कुमार सिंह जिला संवाददाता

शिवहर—- जिले में विहंगम योग का ध्यान आंतरिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। एक साधक जब सिद्धासन में बैठकर अपनी चेतना को गुरु उपदिष्ट भूमि पर केंद्रित करता है तो वह मानसिक व आत्मिक शांति का अनुभव करता है।
उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में शहर के श्यामा सिनेमा पैलेस परिसर में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये।
सन्त प्रवर श्री ने बताया कि ब्रह्मांड की ध्वनि है ॐ। जो सर्वत्र गुंजायमान है। ये ध्वनि हमारे मन मस्तिष्क को प्रकाशित कर रही है। हम सबको प्रतिदिन ईश्वर के पवित्र वाचक नाम ॐ का उच्चारण करना चाहिए। नित्य प्रति का अभ्यास हमे आंतरिक शांति का अनुभव कराता है।
महाराज जी ने कहा कि मानव जीवन सुख और दुख को भोगने के लिए नही मिला, यह तो परम आनंद की प्राप्ति हो जाय इसीलिए जीवन मिला है।
उन्होंने कहा कि दु:खियों का दुःख कैसे कम हो, पीड़ितों की पीड़ा कैसे कम हो, सबको सुख मिले, सबको शांति मिले ऐसा चिंतन करने वाला जो योगी है ; वही देश, समाज, राष्ट्र के लिए उपयोगी है।

उन्होंने जय स्वर्वेद कथा के क्रम में कहा कि भारत की आत्मा का नाम अध्यात्म है। आध्यात्मिक महापुरुषों के बदौलत ही भारत विश्व गुरु रहा है, विश्वगुरु है और मैं कहता हूं भारत विश्व गुरु रहेगा।

संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि विहंगम योग की साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है। विहंगम योग का ध्यान आंतरिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।

संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई । स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।
आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज 17 जुलाई को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कश्मीर की धरती से हो चुका है। संकल्प यात्रा कश्मीर , जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के पश्चात बिहार के 25 जिले में होते हुए शिवहर पहुँच चुकी है।
17 एवं 18दिसंबर 2023 को विशालतम ध्यान – साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले।
इस शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत श्री सदगुरू सदाफल देव जी महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा (Statue of Spirituality) का भी शिलान्यास होगा।
इस अवसर पर पी एन सिंह, डी एन सिंह, रामचंद्र तिवारी, ब्रह्मा सिंह, शिवजी साहू, सच्चिदानंद सहाय, गोपाल कुमार, योगेन्द्र प्रसाद, राम नरेश सिंह, राजेश कुमार, विनोद कुमार, शैलेश नंदन सिंह, चंद्रकला देवी, रामलवलीन प्रसाद, राजमंगल सिंह, केदारनाथ चौधरी, अमित कुमार, राकेश कुमार, अनिता देवी, जगन्नाथ राम, नीलम सिंह, अर्चना सिंह, प्रदीप शास्त्री, प्रेम कुमार आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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