नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे बड़े नेता हैं जो I.N.D.I.A नाम से सहमत नहीं: प्रशांत किशोर

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मुजफ्फरपुर:मुजफ्फरपुर के साहेबगंज में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि I.N.D.I.A. को लेकर जो मैं बताना चाहता हूं कि ये तो अभी शुरुआती दिन है। सबसे आसान काम है नेताओं का एक साथ बैठना महत्वपूर्ण है मगर ये आसान है। जब सीट शेयरिंग की बात होगी मुद्दे की बात होगी तब आपको समझ में आएगा। नीतीश कुमार का जहां तक सवाल है और I.N.D.I.A में भागीदारी का सवाल है तो इसको बिल्कुल ऑन रिकॉर्ड आप लिख लीजिए I.N.D.I.A गठबंधन की जो अब तीन बैठकें हुई जिसमें पहली बैठक पटना में हुई जिसमें नीतीश कुमार की ऐसी अपेक्षा थी कि वो इसके सूत्रधार के रूप में उभरेंगे। इसके संयोजक बना दिए जाएंगे जो पटना में हुआ नहीं। नीतीश कुमार की अपेक्षा थी कि बंगलुरु में ये हो जाएगा पर वहां भी संयोजक की कोई चर्चा नहीं हुई।जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को I.N.D.I.A गुट को लेकर कई बड़े खुलासे किए. प्रशांत किशोर ने कहा कि इस गठबंधन के नाम की चर्चा हुई उसमें भी आपने खबरों में देखा होगा कि सब लोग सहमत थे पर जो नाम नीतीश कुमार ने सजेस्ट किया उस पर कोई सहमत नहीं था। नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे बड़े नेता हैं जो I.N.D.I.A नाम से सहमत नहीं हैं, वहां पर भी उनकी नहीं चली। तीसरी बार जब बैठक मुंबई में हुई तो आपको JDU वाले नहीं बताएंगे हम आपको बता रहे हैं कि जो इस बैठक में बैठते हैं वो सीधे तौर पर हमसे जुड़े हुए हैं। तीसरी बैठक में नीतीश कुमार एजेंडा लेकर गए थे कि Cast Census को I.N.D.I.A का मेन एजेंडा बनाया जाए, लेकिन उसको भी I.N.D.I.A के सभी साथी गठबंधनों ने मुख्य मुद्दे के तौर पर नहीं स्वीकार किया। तीनों बैठकों में नीतीश कुमार को जैसी अपेक्षा थी वैसी नहीं मिली। प्रशांत किशोर ने कहा कि I.N.D.I.A को लेकर जो मैं बताना चाहता हूं कि ये तो अभी शुरुआती दिन है। सबसे आसान काम है नेताओं का एक साथ बैठना महत्वपूर्ण है मगर ये आसान है। जब सीट शेयरिंग की बात होगी मुद्दे की बात होगी तब आपको समझ में आएगा। नीतीश कुमार का जहां तक सवाल है और I.N.D.I.A में भागीदारी का सवाल है तो इसको बिल्कुल ऑन रिकॉर्ड आप लिख लीजिए कि I.N.D.I.A की जो तीन बैठकें हुई जिसमें पहली बैठक पटना में हुई जिसमें नीतीश कुमार की ऐसी अपेक्षा थी कि वो इसके सूत्रधार के रूप में उभरेंगे। इसके संयोजक बना दिए जाएंगे जो पटना में हुआ नहीं। नीतीश कुमार की अपेक्षा थी कि बंगलुरु में ये हो जाएगा पर वहां भी संयोजक की कोई चर्चा नहीं हुई।सबसे आसान काम है नेताओं का एक साथ बैठना महत्वपूर्ण है मगर ये आसान

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